Bhagat singh | भगत सिंह | शहीद भगत सिंह | bhagat singh ke vichar | भगत सिंह के क्रांतिकारी विचार



दुल्हन मेरी दुल्हन नहीं होगी 

आजादी ही मेरी दुल्हन होगी 



सरफरोशी की तमन्ना अब हमारी दिल में है 
देखना है जोर कितना बाजु ए कातिल में है 



वे मेरा कत्ल कर सकते है 
पर मेरे विचारों का नहीं 
वे मेरे शरीर को कुचल सकते है 
मेरे जज्बें को नही 



लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा
 मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा 

 



बहरों को सुनाने के लिए 
धमाकों की जरूरत होती है 



राख का हर कण मेरी गर्मी से गतिमान है 
मै एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आजाद है 



क्या तुम्हें पता है कि दुनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है गरीबी एक अभिशाप है 
यह एक सजा है 



प्रेमी पागल और कवी एक ही थाली के चट्टे बट्टे होते हैं 



मै एक इंसान हूँ 

और जो भी चीजे इंसानियत पर प्रभाव डालती है 

मुझे उनसे फर्क पड़ता है 



क्रांति में सदैव संघर्ष हो यह जरुरी नहीं 
यह बम और पिस्तौल की राह नहीं है 



जीवन अपने दम पर चलता है 
दूसरों के कन्धों पर तो अंतिम यात्रा पूरी होती है 



मेरा एक ही धर्म है और वह है देश की सेवा करना 



इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से 
अगर मै इश्क़ लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिख जाता हूँ 

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